गुरुवार, 3 जून 2010

क्या कहने हैं बिजली के

जनपद जौनपुर में जब-जब जिलाधिकारी बदले हैं तब-तब बिजली के नये शेड्यूल बने है और जब नागरिक जन अपने व्यवसाय का शेड्यूल बनाते हैं तो माननीय विद्युत अधिअकारियों का शेड्यूल पुन:परिवर्तित हो जाता है। अक्सर सुनने में आता है कि बिजली उत्पादन नही हो पा रहा है,मुम्बई और दिल्ली जैसे महानगरों में विद्युत चौबीस घन्टे लगातार रहता है फिर हमारे उत्तर प्रदेश मे ही इतनी विद्युत कटौती क्यों? एक मजे की बात यह भी है कि बदली और बरसात के दिनों मे बिजली खूब मिलती है और जब तेज धूप और गर्मी होती है तो बिजली गायब। विद्युत न मिलने से जब आक्रोशित जनता प्रदर्शन और तोड़ फोड़ करती है तो इतनी बिजली कैसे आ जाती है? ऐसा क्यो,क्या हम देश के नागरिक नही है,क्या हम बिल नही भरते,सवाल तो कई है लेकिन जवाब वही पुराने हैं

दीपेश कुमार मौर्य
शकरमण्डी, जौनपुर